महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाये और क्या नहीं, Maha Shivaratri Ke Din Shivaling Par Kya Chadhaen Aur Kya Nahin? महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाये शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाये महाशिवरात्रि व्रत की कथा महाशिवरात्रि कब है वर्ष 2022 में महाशिवरात्रि का पर्व मंगलवार 01 मार्च को मनाया जाएगा. शिव भक्तों के
महाशिवरात्रि ( Maha Shivratri) का पर्व भगवान शिव को अर्पण है, इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा-आराधना और व्रत किया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की चतुर्दशी को मनाया जाता है इस बार यह पर्व 01 मार्च 2022 को मनाया जाएगा महाशिवरात्रि :- कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर
Jaipur Metro : जयपुर मेट्रो की बात करे तो जयपुर मेट्रो का पूरा ट्रैक 11.9 KM है जिसमे से 9.2 KM एलिवेटेड और 2.8 KM अंडरग्राउंड है अब टीपी नगर ( Transport Nagar) से अजमेर रोड (Ajmer Road ) 200 फिट तक बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो फेज 1 C मानसरोवर से अजमेर रोड
Rajasthan : राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) आज बतौर वित्त मंत्री विधानसभा में बजट 2022 (Rajasthan Budget 2022) पेश कर रहे हैं. CM गहलोत ने शोर के साथ बजट की शुरुआत की है. बता दें कि बजट में सभी लोगो की भावनाओं का ध्यान रखा गया है. साथ ही सीएम ने बजट के
गुजिया क्या है? गुझिया (Gujiya) पारंपरिक गुझिया रेसिपी (Gujiya Recipe) में मीठा खोया या मावा (दूध के ठोस पदार्थ), इलायची और कुछ मेवे होते हैं। वास्तव में गुजिया उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय मिठाई हैं, खासकर होली के त्योहार पर बनाई जाती है मिठाइयों की दुकानों पर आपको गुझिया की कई वैरायटी देखने को मिल
यह दाल मखनी रेसिपी एक मस्त दाल है जिसमें सूक्ष्म धुएँ के रंग का स्वाद और दाल की मलाई होती है। अगर आपको असली पंजाबी खाना पसंद है तो आपको यह दाल मखनी और भी ज्यादा पसंद आएगी। दाल मखनी उत्तर भारतीय पंजाबी व्यंजनों में सबसे लोकप्रिय दाल व्यंजनों में से एक है, जिसे साबुत
इस बार 15 अगस्त 2022, दिन सोमवार को भाद्रपद महीने में – बहुला चतुर्थी या भादुड़ी संकष्टी चतुर्थी (Bhadwa Chaturthi) को व्रत किया जाएगा। चंद्रोदय समय: रात 09:46 बजे रहेगा। इस दिन भगवान श्री बिंदायक और चौथ माता की पूजा व व्रत किया जाता है। भादवा की चौथ को भादुड़ी चौथ या बहुला चौथ भी
श्री चौथ माता व्रत की विधि पूजन विधि – चौथ माता के व्रत के लिए साधक दिन भर भूखा रहे। एक पाटे पर चौथ-गणेश की मूर्ति या फोटो रख दे। यदि फोटो या मूर्ति न हो तो साटिया (स्वास्तिक) मांड दे और पास ही आखा ( गेहूं, चावल ) रखकर ऊपर जल का कलश रख दे